Saturday, 25 July 2015

बौद्ध नौ, हिंदू सात और तिब्बती तेरह चक्रों की बात करते हैं- ओशो

osho in hindi


बौद्ध नौ चक्रों की बात करते हैं। हिंदू सात चक्रों की बात करते हैं। तिब्बती तेरह चक्रों की बात करते हैं। तुम अपना चक्र या केंद्र खोज ले सकते हो। इनके बारे में अध्ययन करने की जरूरत नहीं है। शरीर का कोई भी बिंदु केंद्रित होने का बिंदु बनाया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, तंत्र कामकेंद्र को इसके लिए उपयोग करता है। तंत्र तुम्हारी चेतना को समग्रता से इस केंद्र पर लाने के लिए प्रयत्न करता है। तो कामकेंद्र से भी चलेगा। ताओवादी पांव के अंगूठे से केंद्र का काम लेते हैं। अपनी चेतना को पांव के अंगूठे पर ले जाओ, वहां स्थित रहो और शेष शरीर को भूल जाओ। पूरी चेतना को अंगूठे पर जमा कर दो। उससे भी चलेगा। क्योंकि यह बात प्रासंगिक नहीं है कि तुम कहां केंद्रित हो रहे हो, बुनियादी बात यह है कि तुम केंद्रित हो रहे हो।


1 comment:

  1. Pernaam Osho mahan Sadhguru ko jinkee wajah se hame aaj itna gyan mil paya hai 🙏🙏🙏

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