osho in hindi
तुमने खयाल किया: शक्ति के लिए दूसरों की जरूरत है! अगर नेपोलियन को जंगल में अकेला छोड़ दो, उसके पास कोई शक्ति नहीं है। प्रधानमंत्रियों को, राष्ट्रपतियों को जंगल में अकेला छोड़ दो, उनके पास कोई शक्ति नहीं है। शक्ति के लिए भीड़ चाहिए। शक्ति के लिए वे लोग चाहिए जिन पर शक्ति आरोपित की जा सके। लेकिन शांति तो अकेले में भी तुम्हारी है; अकेले में और भी ज्यादा तुम्हारी है। उसे तुमसे कोई छीन नहीं सकता, क्योंकि वह किसी पर निर्भर नहीं है। ठेठ हिमालय के एकांत में भी शांति तुम्हारी होगी; तुम्हारे साथ जाएगी।
जो एकांत में भी तुम्हरे साथ हो, वही तुम्हारी संपदा है। और जो दूसरों पर निर्भर होती हो, उसे तुम एकांत में न ले जा सको, तो मृत्यु के पार कैसे ले जा सकोगे? वहां तो तुम अकेले जाओगे। न मित्र होंगे, न संगी-साथी, न पति-पत्नी, न बेटे-बेटियां, कोई भी न होगा। मौत में तो तुम अकेले प्रवेश करोगे। सब छूट जायेगा जो दूसरों पर निर्भर था। जो दूसरों ने दिया था वह दूसरे वापिस ले लेंगे। तुम कोरे के कोरे रह जाओगे। बुरी तरह डूबेगी यह नाव!
इसलिए मैं शक्ति की कोई शिक्षण, शक्ति का कोई स्वरूप, शक्ति की कोई रूप-रेखा तुम्हें नहीं देता हूं। शांति! वही पाने योग्य है। जो खोया न जा सके, बस वही पाने योग्य है।
ओशो
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