Wednesday, 15 July 2015

एक बार मैं देहमुक्त हुआ-ओशो

osho in hindi

एक बार मैं देहमुक्त हुआ कि मेरी चेतना विश्वव्यापी हो जाएगी। अभी तुम्हें मेरे पास आना पडता है, तब तुम्हें मुझे खोजने और ढूंढने की जरूरत नहीं रहेगी। तुम जहां कहीं भी हो, तुम्हारी प्यास, तुम्हारा प्रेम—और तुम मुझे अपने हृदय में पाओगे, अपने हृदय की धडकन में ही पाओगे। ”
” अस्तित्व में मेरा भरोसा और मेरी आस्था समग्र है। जो मैं कह रहा हूं उसमें यदि कोई भी सत्य है तो वह पीछे जीवित बचेगा। जो लोग मेरे कार्य में उत्सुक बने रहेंगे वे बस मशाल को आगे ले चल रहे होंगे, बिना किसी पर कुछ थोपते हुए—न तलवार (बल प्रयोग ) के जरीए, न ब्रेड (लोभ प्रयोग ) के जरीए। मैं अपने लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहूंगा, और ऐसा अधिकांश संन्यासी अनुभव करेंगे। मैं चाहता हूं कि वे स्वयं ही विकसित हों.. ऐसे सद्गुण जैसे प्रेम—जिसके आसपास कोई चर्च—मंदिर—मस्जिद अथवा धर्म खड़ा नहीं किया जा सकता; जैसे जागरूकता—जिस पर किसी का एकाधिकार नहीं है; जैसे उत्सव, उल्लासमयता, और शिशु जैसी ताजी और निर्दोष आंखें बरकरार रखना। मैं चाहता हूं कि लोग स्वयं को जानें—किसी और के अनुसार न बनें; और इसका मार्ग है—भीतर। ”
”मेरे संबंध में कभी भी अतीत काल में बात मत करना। प्रताड़ित शरीर के बोझ से मुक्त होकर मेरी उपस्थिति कई गुना बढ़ जाएगी। मेरे लोगों को याद दिलाना कि वे अब मुझे और भी अधिक महसूस करेंगे—और वे इसे तत्‍क्षण पहचान जाएंगे। 

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